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Phool

बगिया का हर फूल गुलाब नहीं होता
हर शख्स हमारी तरह बेमिसाल नहीं होता
हम भी लुटा देते जिस्म-ओ-जान तेरी मोहब्बत में
काश तेरा दिल यूं बेईमान ना होता...!

✍✍✍✍  मयंक जैन

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