बगिया का हर फूल गुलाब नहीं होता हर शख्स हमारी तरह बेमिसाल नहीं होता हम भी लुटा देते जिस्म-ओ-जान तेरी मोहब्बत में काश तेरा दिल यूं बेईमान ना होता...! ✍✍✍✍ मयंक जैन
हर चमकती हुई चीज सोना नहीं होती हर रोशनी आफताब का गोला नहीं होती मोहब्बत उनसे करो जो उसके लायक है वरना मेरी जिंदगी अंधेरों में यूं ही गुमनाम ना होती...! ✍✍✍✍ मयंक जैन