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Muhabbat

तेरी मुहब्बत मेरे लिए लाइलाज़ रोग बन गया है
जिसके ना तो कोई लक्षण है और ना ही कोई दवा

✍✍✍✍ मयंक जैन

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मेरी जिंदगी कोई शतरंज का खेल नहीं है ऐ सनम जहां मोहरा भी तेरे हाथ में और चाल भी तेरी ✍✍ मयंक जैन

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