Husn June 24, 2018 कुछ तो कशिश जरूर रही होगी तुम्हारे हुस्न में वरना यूं ही हर कोई तुम्हारा मुरीद नहीं होता... ✍✍✍✍ मयंक जैन Share Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Labels husn Kashish murid Share Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments AnonymousMonday, June 25, 2018 3:51:00 pmnice...!!ReplyDeleteRepliesReplyAdd commentLoad more... Post a Comment write your view...
Shatranj ka khel April 30, 2019 मेरी जिंदगी कोई शतरंज का खेल नहीं है ऐ सनम जहां मोहरा भी तेरे हाथ में और चाल भी तेरी ✍✍ मयंक जैन Read more
मुसाफिर August 02, 2020 तू मेरी मंज़िल नहीं हैं ऐ जिंदगी... मुसाफिर हूं इसलिए निकला हूं इस रास्ते पर...! ✍️✍️✍️मयंक जैन Read more
Intezaar July 23, 2018 हम करते रहे मौत का इंतजार पर कमबख्त वो भी माशुका की तरह बेवफा निकली...! ✍✍✍✍ मयंक जैन Read more
nice...!!
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