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Muhabbat

चांद की चांदनी में यदि मैंने उसके खतों को जलाया न होता ...
तो आज मंज़र  कुछ ओर होता...
वो मेरी girlfriend होती मैं उसका boyfriend होता...
बिछड़ना तो मुहब्बत का दस्तूर है...
यदि वो आज किसी ओर की ना होती तो मैं उसके बच्चों का मामा ना होता...

✍✍✍ मयंक जैन

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